महाविद्यालय परिवार नवागंतुक छात्र एवं छात्राओं का स्वागत करता है I आपके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास ही इस महाविद्यालय का मुख्य ध्येय है I वेद की प्रार्थना “असतो मा सद्गमय I तमसो मा ज्योतिर्गमय ” को दृष्टिगत रखते हुए इस महाविद्यालय में बौद्धिक उन्नयन के साथ-साथ नैतिक मूल्यों एवं मानवीय आदर्शों को अपनाने पर जोर दिया जाता है I कालेज में उपलब्ध सुविधाओं का अपने उत्कर्ष हेतु लाभ उठाने तथा महाविद्यालय की गरिमा बढ़ाने के लिए हम आपसे अपेक्षा करते हैं I इस महाविद्यालय से शिक्षित होकर छात्र एवं छात्राएं अपने जीवन में उन्नति एवं समाज तथा देश के उत्थान में योगदान कर सकें तो मैं शिक्षा क्षेत्र में अपने इस छोटे से प्रयास की सार्थकता समझूंगा I आपके उज्जवल एवं मंगलमय भविष्य की कामना के साथ |
-राजबली मिश्र
संस्थापक एवं प्रबन्धक
B.Com.(Hon.), Gold Medallist (B.H.U.)
F.C.A. (India), C.P.A. (Kenya)
M.B.I.M. (London)
इस जनपद में ज्ञानपुर के अलावा जब दूर –दूर तक शिक्षा के क्षेत्र में प्रकाश की कोई किरण नहीं दिखाई दे रही थी तब रामदेव पी .जी. कालेज की स्थापना की प्रक्रिया 1998 में प्रारंभ की गई I तीर्थराज प्रयाग एवं दुनियां से न्यारी काशी के मध्य जी.टी. रोड के ठीक किनारे इस कालेज का अभ्युदय 09 सितम्बर 1999 को हुआ I 07 दिसम्बर 1999 को उ.प्र. शासन एवं महामहिम राज्यपाल द्वारा मान्यता प्राप्त कर यह महाविद्यालय पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर से सम्बद्ध हुआ I सम्प्रति महाविद्यालय महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी से सम्बद्ध है I यह महाविद्यालय विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं के लिए एक प्रकाश स्तम्भ है जिसके एक ओर पतित पावनी गंगा की निर्मल धारा के किनारे आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि सीता समाहित स्थल स्थित है तो दूसरी और भगवन भूतनाथ के पावन विग्रह सेमराधनाथ का भव्य मंदिर I इन्ही प्राकृतिक सौंदर्य की गोंद में इस कालेज की स्थापना उच्च शिक्षार्थियों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है I शिक्षा से व्यक्ति , समाज और देश का विकास जुड़ा हुआ है I भदोही जनपद एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के साधन विहीन निर्धन किसानों, दलितों, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा का सुअवसर प्रदान करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर C.A. श्री राजबली मिश्र के अथक प्रयास एवं क्षेत्र की जनता के प्रोत्साहन के फलस्वरूप इस कालेज की स्थापना हो सकी है I कालेज के संस्थापक श्री राजबली मिश्र अपने १५ साल विदेश के प्रवास के दौरान भी गरीब एवं मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान कर शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार में अपना अमूल्य योगदान करते रहे I इसी सोच का परिणाम है इस महाविद्यालय की स्थापना I विगत वर्षों में बी.ए. के अतिरिक्त बी.सी.ए. , बी.एड. , डी.एल .एड . (बी.टी.सी.) एवं स्नातकोत्तर विभाग खोलकर महाविद्यालय दिनोदिन प्रगति के पथ पर अग्रसर है जहाँ तीन बहुमंजिले भव्य भवनों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं I
- Principal, RDPGC
महाविद्यालय परिवार नवागंतुक छात्र एवं छात्राओं का स्वागत करता है I आपके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास ही इस महाविद्यालय का मुख्य ध्येय है I वेद की प्रार्थना “असतो मा सद्गमय I तमसो मा ज्योतिर्गमय ” को दृष्टिगत रखते हुए इस महाविद्यालय में बौद्धिक उन्नयन के साथ-साथ नैतिक मूल्यों एवं मानवीय आदर्शों को अपनाने पर जोर दिया जाता है I कालेज में उपलब्ध सुविधाओं का अपने उत्कर्ष हेतु लाभ उठाने तथा महाविद्यालय की गरिमा बढ़ाने के लिए हम आपसे अपेक्षा करते हैं I इस महाविद्यालय से शिक्षित होकर छात्र एवं छात्राएं अपने जीवन में उन्नति एवं समाज तथा देश के उत्थान में योगदान कर सकें तो मैं शिक्षा क्षेत्र में अपने इस छोटे से प्रयास की सार्थकता समझूंगा I आपके उज्जवल एवं मंगलमय भविष्य की कामना के साथ ,
-राजबली मिश्र
संस्थापक एवं प्रबन्धक B.Com.(Hon.), Gold Medallist (B.H.U.) F.C.A. (India), C.P.A. (Kenya) M.B.I.M. (London)
इस जनपद में ज्ञानपुर के अलावा जब दूर –दूर तक शिक्षा के क्षेत्र में प्रकाश की कोई किरण नहीं दिखाई दे रही थी तब रामदेव पी .जी. कालेज की स्थापना की प्रक्रिया 1998 में प्रारंभ की गई I तीर्थराज प्रयाग एवं दुनियां से न्यारी काशी के मध्य जी.टी. रोड के ठीक किनारे इस कालेज का अभ्युदय 09 सितम्बर 1999 को हुआ I 07 दिसम्बर 1999 को उ.प्र. शासन एवं महामहिम राज्यपाल द्वारा मान्यता प्राप्त कर यह महाविद्यालय पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर से सम्बद्ध हुआ I सम्प्रति महाविद्यालय महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी से सम्बद्ध है I यह महाविद्यालय विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं के लिए एक प्रकाश स्तम्भ है जिसके एक ओर पतित पावनी गंगा की निर्मल धारा के किनारे आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि सीता समाहित स्थल स्थित है तो दूसरी और भगवन भूतनाथ के पावन विग्रह सेमराधनाथ का भव्य मंदिर I इन्ही प्राकृतिक सौंदर्य की गोंद में इस कालेज की स्थापना उच्च शिक्षार्थियों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है I शिक्षा से व्यक्ति , समाज और देश का विकास जुड़ा हुआ है I भदोही जनपद एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के साधन विहीन निर्धन किसानों, दलितों, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा का सुअवसर प्रदान करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर C.A. श्री राजबली मिश्र के अथक प्रयास एवं क्षेत्र की जनता के प्रोत्साहन के फलस्वरूप इस कालेज की स्थापना हो सकी है I कालेज के संस्थापक श्री राजबली मिश्र अपने १५ साल विदेश के प्रवास के दौरान भी गरीब एवं मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान कर शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार में अपना अमूल्य योगदान करते रहे I इसी सोच का परिणाम है इस महाविद्यालय की स्थापना I विगत वर्षों में बी.ए. के अतिरिक्त बी.सी.ए. , बी.एड. , डी.एल .एड . (बी.टी.सी.) एवं स्नातकोत्तर विभाग खोलकर महाविद्यालय दिनोदिन प्रगति के पथ पर अग्रसर है जहाँ तीन बहुमंजिले भव्य भवनों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं I
- Principal, RDPGC